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मैत्री

युवामंच
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हमारे प्रधानमंत्री जी की प्रत्येक विदेश यात्रा विशेष होती है। सबको ससम्मान अपनत्व से सराबोर करना उनकी सहज शैली है। दुनिया के तमाम सम्मानीय राष्ट्राध्यक्ष भारतीय मैत्री भावना की पवित्र सुगंध से आनंदित हुए हैं। लक्ष्य कूटनीति, लेन-देन, सहयोग-सम्बन्ध अपनी जगह यथार्थ है, लेकिन मोदीजी के प्राकृतिक मानवीय प्रेम से शत्रुतायुक्त पड़ोसी भी सराबोर हुए हैं।

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खैर, हमारे प्रधानमंत्रीजी की इजरायल यात्रा अतिशय विशेष रही। दो प्राचीन समर्थ संस्कृतियों के कार्यकारी अध्यक्षों का बहुप्रतीक्षित मिलन देखकर लगा जैसे दो देवमानव मित्र बहुत दिनों बाद मिले हों। बेंजामिन नेतन्याहू जी और नरेन्द्रभाई मोदी जी की प्रेमिल भावभंगिमाएं मानवता को आनंदित करने वाली रहीं। यह मिलन देखकर समस्त लोकतांत्रिक भावनाएं आवश्य ही आनंदित हुई होंगी।

विश्वबंधुत्व की भावना हमारे मूल में है। ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की नैतिक मूलभावना के बावजूद हम हमलावरों, लुटेरों, आतताइयों आतंकियों से घायल हुए हैं। अवश्य ही हम अपनी दैवीय सुशिक्षाओं का सदुपयोग करने में चूके हैं। संसार का प्रत्येक मनुष्य या राष्ट्र दूसरे से कुछ सीख सकता है। आज हमें इजरायल से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। हम विश्वास करते हैं कि हमारी प्रगाढ़ मैत्री मानवता के लिए अत्यंत हितकारी होगी।

मेधावी पुरुषार्थी इजरायल की शौर्यगाथा भारतीय बलिदानों की तरह अतुलनीय है। हम इजरायल को नमन प्रणाम करते हैं। हम अपने प्रधानमंत्रीजी की अपनत्व से लबालब आवभगत करने के लिए इजरायल का ह्रदय से आभार अभिनन्दन करते हैं। संबंधों का यह ऐतिहासिक पड़ाव संसार को उच्चतर मानवता का श्रेष्ठ अनुभव अवश्य कराएगा। कुछ अच्छे सच्चे पक्के मित्र मिलकर कुछ भी कर सकते हैं। मानवता को लोभ, अहंकार, आतंक, अमानुषता से मुक्त करने के लिए अाधिकाधिक सद्शक्तियों में प्रगाढ़ मैत्री अभिनंदनीय आवश्यकता है। भारतीय भावना संसार की प्रत्येक सद्भावना को नमन प्रणाम करती है। मूलतः हम प्रत्येक प्राणी से मैत्री ही चाहते हैं।

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