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यंत्र !

युवामंच
युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,…..सादर प्रणाम !

अहंकार में डूबी मानवता भयानक हिंसक प्रवित्ति की चपेट में है !……यद्यपि शान्ति अहिंसा मानवता का मूल स्वभाव है ,…फिर भी निम्न मानवीय अहंकार हमपर अक्सर हावी हो जाता है !……परिणाम अत्यंत विनाशकारी भी हो जाते हैं ,…..हमारा अतीत सनकों दुर्घटनाओं युद्धों से भरा है ,…………….मानवता के लिए कभी कभी युद्ध वध आवश्यक भी हो जाता है ,…युद्ध की विनाशाकता कमतर सीमित रखना हमारी सफलता का मानक होता है !………मानव होने के नाते हम सब इसके लिए जिम्मेदार हैं !……..परमपिता अंततः इसमें से भी हमें अमृत ही देते हैं !……. कार्य कारण की अनंत श्रंखला वाले अजूबे संसार में श्रेष्ठतम वैदिक पथ का अनुसरण करना ही सर्वश्रेष्ठ है !……..हम भगवान् के सभी पवित्रतम रूपों से मलिन प्रार्थना करते हैं कि वो स्वयं हमें शीघ्रता से अपनाएँ !….

बहरहाल ,…..सदप्रयासों की आशा बनी रहनी चाहिए ,……शायद हम विनाश से बच भी सकते हैं !………एक होशियार कुंठित सा महान देश अपने पापी पिट्ठुओं का प्रयोग पापाचार बढ़ाने में कर रहा है !………कश्मीर में पापिस्तानी पिट्ठू बाज नहीं आ रहे ,…..हम नियमित महती हानि सहने को विवश हैं !….हम कबतक अपने श्रेष्ठ सपूतों को कुसमय गंवाकर श्रद्धा सुमन देते रहेंगे !……….उधर सुकमा में नक्सलियों ने हमारे सीआरपीएफ दस्ते पर क्रूर कायराना हमला किया ,……..बड़े नियोजित हमले में हमारे पच्चीस वीर जवान शहीद हो गए !……..हमें फिर कहना होगा हमारे नीच निकम्मे नेताओं ने हमारा बहुत अहित किया है !……चतुर चीनी कम्युनिज्म आज पापी पूँजीवाद की पराकाष्ठा प्राप्त कर चूका है ,……लेकिन हमारे अंधे अबतक माओ का प्रेत लादे पापी पतनपथ पर यंत्रवत चलते हैं !…….मन कहता है काश !!……………….. कोई सच्चा योग्यतम इंसान हमारा प्रथम प्रधानमंत्री होता !……….गांधीजी का प्रत्येक असली नकली त्याग नेहरू से उनके गंदे प्रेम में मिट चुका है !………. एक बात और स्पष्ट लगती है ,…….अंध इस्लामिक आतंकी और पूर्ण नास्तिक नक्सली दोनों की डोर किसी न किसी तह में मिलती है !……चीन पाकिस्तान कहीं न कहीं इनके मिलेजुले सूत्रधार हैं ! ……..हमारे पहुँचदार कुबुद्धिजीवी दलालयंत्र भी इनको तमाम ऊर्जा देते होंगे !…………..बिकाऊ अवार्ड वापसी गिरोह कम्बलों में घुसकर विदेशी घी पी रहा होगा !…….. राजनीति तब अत्यंत शर्मनाक बन जाती है …. जब … बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमार निकट होने के बावजूद अपने शहीदों के अंतिम दर्शन नहीं करते हैं ……उनका कोई कनिष्ठ मंत्री तक वहां नहीं जाता है !……..पटना हवाई अड्डे से शहीद शवों को ले जाते ट्रक को मुख्यमंत्री का काफिला रोक देता है !………लालची अहंकार इंसान को कहीं का नहीं छोड़ता है !…….भ्रष्ट लालूवाद में लिपटे नितीशजी का हश्र समय के हाथों में सुरक्षित है !

….आतंकपरस्त नक्सलियों पर ठोस निर्णायक कार्यवाही आवश्यक है !…..ठोसतम कुंठा पर सर्वसमन्वित शक्तिशाली प्रहार अत्यंत आवश्यक है !….हमारी महान सेना ने अतीत में नक्सलवादियों पर अपने प्रयोग को नकार चुकी है !………. अब हम अपनी शूरवीर सेना से अपने अर्ध-सैनिक भाइयों की भरपूर सहायता करने की सादर हार्दिक प्रार्थना करते हैं !……. बन्दूक की नोक पर फंसे लेकिन सुधार शान्ति की इच्छा रखने वालों को अवश्य ही पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए ,…….हमें सबके लिए अपनत्व है ………लेकिन ,…. इनके ठेकेदार सरपरस्त ब्रेनवाशर बुद्धिमान विदेशीदलाल सफेदपोशों को नंगा करके दौड़ाकर मारना चाहिए !….अज्ञानी वामपंथियों के मुख्य अड्डे जेएनयू की सम्पूर्ण छानबीन होनी चाहिए !………..इसका पुनः नामकरण किसी सच्चे राष्ट्रभक्त पर होना चाहिए !………….चंद कट्टर क्रूर नक्सलियों ने लाखों करोड़ों जिंदगियां नर्क में डाली हैं !……..भोले आदिवासियों को ढाल बनाकर भयानक मनोरोगी मारक आत्महत्या करने पर उतारू हैं !………आज कौन इंसान सड़क शिक्षा रोजगार बिजली पानी इलाज से महरूम रह सकता है ,….लेकिन कुछ क्रूर अंधों के कारण बड़े भारतीय क्षेत्र में यही हो रहा है !……….हमारे महान जवानों ने वीरगति पाकर भी विकास कार्यरत श्रमिकों को सुरक्षित रखा है !……….भारत अपने वीर सपूतों को पुनः पुनः हार्दिक श्रद्धा सुमन अर्पित करता है !…….सबको बार बार नमन प्रणाम करता है !……….दोषारोपण की श्रंखला में हम भी अपराधी बन जाते हैं !………हममें से प्रत्येक साधक को अपने भीतर के गुप्त रूद्र रणचंडी के प्रलयंकारी शक्ति सामर्थ्य और उसपर नियंत्रण पाने वाले महातत्वों को यथाशीघ्र जगाना होगा !……..दानवता में पिसती मानवता पर कृपापूर्ण दैवीय हस्तक्षेप सुनिश्चित प्रक्रिया है ,….उसका समय स्थान यंत्र प्रकृति हममें से कोई नहीं जान सकता है !…………मानव बहुत खेल खेलता है ,..लेकिन ….. अंततः सब खेल उनका है ,….हम सब उन सर्वशक्तिशाली सर्वज्ञ ,के यंत्र मात्र हैं !…………हमें सतत प्रयासरत जागरूक प्रतिबद्ध रहना होगा !

कुछ राजनीति देखते हैं ,……..ईवीएम पर प्रश्न उठाते पराजित पापियों का मंतव्य क्या हो सकता है !……..सबसे उथला उत्तर तो ‘खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे’ है !………फिर अपने लाभार्थी अंधभक्तों पापी बापों का बेदम उत्साह पूर्णतया राख होने से बचाने का प्रयास भी हो सकता है ,…….मायावतीजी खुल्लमखुल्ला करोड़ों में में टिकट बेचती हैं ,………कुकर्मी मालदारों को समझाना भी एक मजबूरी हो सकती है !………….बेशर्म नेता जब जीतते हैं तो सब अच्छा होता है ,…हारने पर मशीनी मिथ्यादोष लगाना सिद्ध हो चुकी मूर्खता है !………ये अपने सरल समर्थकों को कुंठित मनोरोगी बनाने का प्रयास भी हो सकता है !……..भारतीय चुनाव आयोग ने कोई छेड़छाड़ सिद्ध करने का खुला अवसर दिया था ,…तब कोई माँ का लाल लाली नहीं पहुंचा !…………. दो साल पहले इसी ईवीएम से पूरी दिल्ली समेटने वाले अरविन्द केजरीवाल की मंशा क्या होगी ?………..केजरीवालजी बहुत काइयां स्वार्थी शातिर इंसान लगते है !……..उसके तमाम पुराने साथी गुरु साथी चेले इसबात के अभिव्यक्त प्रमाण हैं !………..वो ठीक से जानते समझते हैं कि आगामी लम्बे काल तक भाजपा को कोई हरा नहीं पायेगा ,…..हालांकि इसका कारण भारतभक्त मानवों से युक्त भाजपा की मानवता उत्थान के प्रति सत्यनिष्ठा है ,………..लेकिन …..केजरीवालजी अपनी कुटिल महत्वाकांक्षा को अंत तक खीचना चाहते हैं !…….पूज्य मोदीजी के अनुचित विरोध में उन्होंने जनता का साथ विश्वास गंवाया है !……दस साल तक दिल्ली नगर निगम कुशासित रहने के बावजूद दिल्ली की जनता ने भाजपा पर विश्वास दिखाया है !………….साख गँवा चुके केजरीवाल जी बदमाश वामपंथ के यंत्रमात्र लगते हैं !……..भ्रमजीवी यंत्र जो दिखाता है अक्सर उसके ठीक उल्टा करता है !…….. बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग मूर्खतापूर्ण बदमाशी के सिवा कुछ नहीं है !……..वैसे भी बदमाश लोग सपा बसपा राजद कांग्रेस तृणमूल बामपंथ आदि के अतिप्रिय साथी हैं !……..यदि सबके कुयंत्रों ने बैलेटबॉक्स बूथ लूटे … तो देश विरोधी अमानवीय शक्तियों की संभावित बदमाश एकता श्रेष्ठ सरकार को शायद ,….शायद,…..शायद हरा सकेगी !…………. यदि किसी दिन कोई देशी विदेशी संस्था भारतीय इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी बताये तो जनमानस को सत्य समझने में देर नहीं लगानी चाहिए !……

…..हम सबको समझना चाहिए कि बुद्धि मानवता का श्रेष्ठतर यंत्र अवश्य है ,… लेकिन यह श्रेष्ठतम या अंतिम नहीं है !………अहंकारयुक्त पीड़ित मानवता को भी पूर्णलोभी दानवता का यंत्र नहीं बनना चाहिए !……दानवता में डूबी मानवता को भी समझना चाहिए कि ,…….हम सब के सब मूलतः भगवान् से ही हैं ,….मायाजनित अज्ञानवश भटकते जाते हैं !…….कुछ अनियंत्रित अंतरिक्ष यंत्रों की तरह पूर्णतः भटक जाते हैं ,….उनका सर्वनाश अनिवार्य आवश्यकता होती है !…….ये यांत्रिक सा खेल अनंतों जन्मों से चलता आ रहा है !……अनंत काल तक चलता रहेगा !……..खेल का स्तर उठाना हम दास यंत्रों से अनंत अधिक सर्वशक्तिमान स्वामी के हाथ रहता है !………..रहना ही चाहिए !!…………कोई भी मानव सत्ता कितना ही योग्य ताकतवर हो जाय …..लेकिन सर्वशक्तिमान सर्वव्यापक सर्वज्ञ सत्ता ही सनातन सर्वाधिकारी है !!……..…..ॐ शान्ति !…….भारत माता की जय !!………..वन्देमातरम !!!

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