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इबादत !

युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,…सादर प्रणाम !

मूलतः इंसानी अहंकार और प्रकटतः तत्कालीन राजनैतिक नैतिक नेतृत्व की कृपा से कश्मीर का अथाह कष्ट पूरा भारत भुगत रहा है !………. अपने कश्मीर कश्मीरियत कश्मीरी को बेपनाह मुहब्बत करने वाला बहुरंगी बहुमूल्य महान भारत ईर्ष्यालु जड़ अहंकार अन्धकार का शिकार है !…………मुद्दा सिर्फ इबादत के तरीकों का नहीं है ,…….हमारे सामने मानवता के उत्थान पतन का गंभीर प्रश्न है !………. वहाबी विचारधारा मानवता को कुचलने पर आमादा लगती है ,…….अन्यान्य स्वार्थी शक्तियां अहंकारी विकारी कुंठाओं का कुटिल इस्तेमाल करती लगती हैं !………..पूर्णपतित उत्तर कोरियाई तानाशाह फिलहाल आमानुषता का प्रत्यक्ष प्रतीक दिखता है ,….लेकिन वहां की पीड़ित दबी कुचली निर्दोष जनता के गुनहगार नीचता के संरक्षक समर्थक हैं !……… अंधे अहंकारियों से मुक्ति अत्यंत आवश्यक हो जाती है ,……..जन सामान्य का प्रेमपूर्वक उत्थान भी समान आवश्यकता है !………चीन एक बुजुर्ग बुद्धिमान पुरुषार्थी महान देश है ,………लेकिन … घोरतम राजनैतिक नास्तिकता और नैतिक नेतृत्व के अभाव से वह पापाचरण का मुख्य संवाहक भी है ,…….. अहंकारी लोभपूर्ति के लिए उन्होंने समस्त नैतिकता को बार बार हरबार तिलांजलि दी है !…………………चीन को भी समझना चाहिए कि चालाकियों पापों  गुनाहों का मूल कुछ भी हो ,….. अंतिम परिणाम पीडादायक पतन पराजय ही होती है !……..कितना हास्यास्पद लगता है जब चीन भारत भूमि के उन हिस्सों पर अपना अधिकार जताता है जिनके वो नाम तक नहीं जानता है !………हमारी बड़ी भूमि उसके कब्जे में है ,………..विस्तारवादी नास्तिक चीन और अन्धास्तिक वहाबी विचारधारा का दुष्ट औजार पाकिस्तान भी है !…..दोनों ही मानवता के लिए घातक हैं !…………पाकिस्तानी जन सामान्य से गहन भारतीय अपनत्व स्वाभाविक है लेकिन घोर ठोस पाप का अंत सुनिश्चित मानवीय आवश्यकता है !………यहाँ अद्भुत दृश्य भी हैं ,…घोर आतंकपरस्त नापाक सेना स्वयं भी आतंकपीड़ित है !…….पाकिस्तान हमारे पूज्य प्रधानमंत्रीजी की पवित्र पेशकश स्वीकारता तो अच्छा होता ,…. मुकाबला अशिक्षा गरीबी अमानुषता मिटाने में हो तो सबका भला होगा !……..पाकिस्तानी सेना अपनी आतंकपरस्ती की पराजय शीघ्र स्वीकार करे तो बेहतर होगा !…

खैर ,…कश्मीर भारतवर्ष का मस्तक है ,…..वहां भी पग पग पर आदिदेव महादेव के अमिट निशान फैले हैं ,……..दुष्टता के दम पर वहां इस्लामिक अलगाववाद की चिंगारी बनायी फैलाई गयी है !……….कश्मीरी मासूमियत को जलाकर पवित्र आबोहवा में जेहादी जहर घोला गया ,…..परिणामस्वरुप वहां बेहिसाब पाप हुए हैं ,…….लाखों कश्मीरियों को किसी कुकर्मी धर्मांध सत्ता के लिए अधर्मी यातनाएं मिली !………हमारे कश्मीरी पंडितों की लाखों जिंदगियां वीरान हैं !……..कश्मीरी फिजा उनके लिए चीख रही होगी !……..हमारे हजारों जवान वहां शहीद हुए हैं ,…लाखों को चोटें मिली हैं ,…..करोड़ों आहत हैं !……..बेमिशाल कुदरती आबोहवा में आम कश्मीरी मानवता प्राकृतिक श्वास के लिए तरस रही है !……… इस्लाम आज भटकाव का मुख्यतम संगठित मुकाम है !…….अधिकाँश भटकाने वाले पर्दे में छुपकर काम करते हैं ,….अहंकारी निम्न मनुजता को पतन की ओर मोड़ना अत्यंत सरल भी है ,…कामकुंठित मानवता के लिए बहत्तर बेहतरीन हूरों के ख़्वाब बेशर्म आतंक उत्प्रेरक का काम करते हैं !……..लाखों कश्मीरी नारियां भी इस दर्द को प्रतिपल भोगती हैं !…….पापी पाकिस्तान के पिट्ठू चंद बिकाऊ गद्दारों के कारण आज कश्मीर स्वयं को ही जला रहा है ,……..अपने कश्मीर को पापी चंगुल से निकालना हमारा महान दायित्व है !………कश्मीर का दर्द हर हिन्दुस्तानी अनुभव करता है ,…….कहीं कहीं इसकी विकृत अभिव्यक्ति हुई है लेकिन ….यह भी बहुत गलत है ,…..कुंठा का उपचार कुंठा से नहीं हो सकता !……हमें अपने शूरवीर सहनशील जवानों पर बहुत गर्व है !………..देश के किसी भी हिस्से में आम कश्मीरी की सम्मानपूर्वक सुरक्षा करना हर भारतीय का दायित्व है !………..पापग्रस्त पाकिस्तान के सिवा कश्मीर का मुख्य मर्ज धारा तीन सौ सत्तर है !…..एक देश एक विधान एक निशान अतिशय आवश्यक है ,……नापाक कब्जे वाले कश्मीर को पापी शिकंजे से पूर्णतः आजाद करना अत्यंत आवश्यक है ,……किसी भी शुतुरमुर्गी दोगलेपन से मानवीय उन्नति की संभावनायें सीमित होती है !……….महबूबाजी के नेतृत्व वाली सरकार से देश को अच्छी आशाएं बंधी थी ,….कश्मीर के लिए उनका प्रेम उनकी जुबान से हम सबने सुना था !………अब तमाम आशाएं मिट्टी में मिलती दिखती हैं ,….फिर भी हम अंत की हद तक आशान्वित हैं !………अब्दुल्लाजी हालिया चुनाव भले जीते हों लेकिन ,…. उनपर उनकी औलादों को भी कम ही भरोसा है !……मानवता के लिए उनको भारतीय भरोसा पुनः जीतना होगा !…………मुख्यधारा में रहकर भी दुष्ट पत्थरधारा का गुप्त प्रकट समर्थन करना घोर अपराध है !………..लाखों कश्मीरी अपनी सेना के दिली शुक्रगुजार हैं ,….हजारों कश्मीरी नौजवान भारतीय सुरक्षाबलों और अन्य राष्ट्रीय राजकीय सेवाओं में शामिल हैं और होने के लिए बहुतायत प्रयासरत हैं !……तमाम विद्रूपताओं कठिनाइयों के बावजूद अनेकों पुरुषार्थी कश्मीरी नौजवानों ने भारतवर्ष में अपनी दिव्य सुगंध फैलाई है !……अवसरों की अत्यंत सीमितता के बावजूद कई कश्मीरी युवतियों की उज्जवल दैवीय आभा से देश मुग्ध हुआ है !…………….अब कश्मीर का सफल इलाज बहुत ही आवश्यक है ,…….लगातार हिंसा अन्याय सहन करना भी बड़ा अपराध है ,…….. हमें भटकाववादी ताकतों को पूर्णतः मिटाना होगा ,….कुछ जड़ अत्याचारियों का आवश्यक वध भी करना पड़ेगा !………भूले भटकों को बचाना उठाना होगा ,……..प्रत्येक नाजायज प्रावधान हटाना होगा !……….मौजूदा अशांत परिस्थितियों में शान्तिभंग की संभावना स्वयं ही समाप्त है !………..पूर्णतः अंधी दुष्टता का दलन भागवत विधान का सनातन अंश है !………कुछ को मारकर यदि हम अनेकों जिंदगियों को बचाते उठाते हैं तो यह राजसिक पुण्य होता है !………..टीवी पर एक सम्मानीय पूर्व सेनाधिकारी का कथन सटीक लगा ,……अब बहुत हो चुका ,……… भारत की मानवीय सेना-अर्धसेना को आतंक मिटाने के पर्याप्त खुले अधिकार मिलने चाहिए !……….भागवत कार्य में रत भारत अब आतंक से कोई नरमी बर्दाश्त नहीं कर पाता है !………सच्चे वास्तविक अलगाववादी कभी हिंसा का सहारा नहीं लेते हैं !……….हमारे बलूच तिब्बती लोग इस सत्य के साक्षात प्रतिनिधि हैं ,…….उन्होंने हर जुल्म अन्याय सहकर भी स्वयं को सत्य में स्थिर रखा है !…….कश्मीरी अलगाववाद और खुद पाकिस्तान एक कट्टर क्रूर लोभी इस्लामिक आतंकी धारा की विषैली उपज है ,……पाप के पैरोकार भी हर जगह मौजूद होते हैं ,….लेकिन …इसे मिटाना ही प्राकृतिक मानवता है !………..हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम प्रकृति और परमात्मा दोनों के आधीन हैं !…….हम प्रकृति को जीतने का मानवीय ख़्वाब कदाचित कभी न्यूनाधिक पूरा भी कर लें ,….तो भी …हम परमपिता परमशक्ति के सनातन चिरसेवक मात्र रहेंगे !……..किसी महानतम सत्ता की इस परम क्रीड़ा में हर छोटा बड़ा प्राणी एक किरदार मात्र है !………………हम अपनी श्रेष्ठ सरकार से सभी यथोचित कदम उठाने की सादर प्रार्थना अपेक्षा करते हैं !…..पक्षी विपक्षी सभी श्रेष्ठपुरुषों से निरहंकार राष्ट्रसेवा का वरदान मांगते हैं !………हम संसार की सभी सत्कर्मी सत्ताओं से हार्दिक शुभकामनाओं सहयोग की सादर विनती करते हैं !………..ॐ शान्ति !…………भारत माता की जय !!……………..वन्देमातरम !!!

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