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अभिनन्दन-२

युवामंच
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गतांक से आगे ……….

………..हिन्दू मुसलमान का दृश्य अदृश्य संघर्ष बहुत दिनों से जारी है ….…….इसका निदान भी अब शीघ्र संभव लगता है !……….विस्तृत घोर विकृत मानसिकताओं के बीच तमाम मजबूत प्रकाशस्तम्भ भी हैं !………..सरताज जी जैसे भारतपुत्र प्रणाम योग्य हैं !……..आतंकवाद से प्रभावित लोग उनसे शिक्षा ले सकते हैं !……..उनको भरमाने भी मुर्दाखोर मौलाना लोग पहुँच जाते हैं !…….आतंक अपराध का त्याग ही मानवता है,… भले ही वो अपनी औलाद हो !….आदरणीय गृहमंत्री जी द्वारा भारतीय संसद से दिया सम्मानपूर्ण बयान सराहनीय है !………अच्छा होता यदि परिवारीजन पहले से सचेत रहते ….भटकाव के आसार बनते ही सजगता से सुधार सहज संभव है !……हर भारतीय को जाने अनजाने देशद्रोह से शत प्रतिशत बचना चाहिए !……….घर परिवार मोहल्ले में कोई भटकन नजर आते ही सूचना देने लेने की सहज व्यवस्था होनी चाहिए !…………. अपने आतंकियों की लाश लेने से पाकिस्तान भी इनकार कर देता है !……पाकिस्तान से याद आया नवाज शरीफ जी ने जबरन धर्म परिवर्तन को पाप कहा है ,….मतलब पाकिस्तान पाप में पूर्णतया डूब चुका है !…….…धर्म जबरन कुछ नहीं कराता है !…अधर्म का नाश धर्म का परमधर्म है !……आतंकपरस्त इस्लाम घोर अधर्म का कार्यरत प्रतिरूप है !………अधर्म का मूल पिता अज्ञान है !……..बहरहाल ……चिड़िया चुगने के बाद खेत रखवाली से कोई ख़ास लाभ नहीं होता  ,…….अनन्य देशभक्ति में हमारा कल्याण है !………हम सबको प्रेमिल विनम्र परिवर्तनशील सहनशील बनना चाहिए !……..उद्दंड पापी वहाबी विचारधारा का और उसे अपनाने वालों का सर्वनाश सुनिश्चित है !……….. दुनिया कब्जाने का ख़याल पालने वालों का कहीं कोई साथी नहीं होता है !………….आतंकवाद का सफाया मानवता की सुनिश्चित आवश्यकता है !………आतंक का मूल स्रोत विकृत अहंकार है ,.……. हीनभावना से मिलकर यह और विषैला हो जाता है !…….शायद इस्लाम के मूल में ही आतंक के बीज डाले गए होंगे !……..आतंकपरस्तों से हम कह सकते हैं कि ….. “….सब के सब उसके हैं बन्धु !……..काहे चैतन्य चादर फाड़कर बर्बादी बुलाते हो !….”..……..………..हर अस्तित्व की एक औकात होती है ,…हम उसके अन्दर रहना सीख लें तो कोई बवाल नहीं होगा ,.…….दूसरे की सहज स्वीकृति स्वयं ही आ जायेगी !………औरों के लिए समान स्वीकृति रहने पर अपनी औकात और खुल जाती है !.……..हर धर्मग्रन्थ में सत्य विभिन्न रूपं में उपलब्ध है ,…मानवधर्म का मूल परहित है !….परपीड़ा ही अधर्म का मूल है ,………हमारी अनंत विषमताओं के बावजूद यह भी सत्य है कि,.. हम सब पैदाइश पर निन्यानबे प्रतिशत से भी अधिक समानता रखते हैं !…..मृत्यु पर भी संस्कारों के सिवा समानता ही रहती है !……जड़ बुद्धि से हमारी पूरी मशीनरी लगभग समान है ,..फिर भी विचित्र रूप से कोई भी समान नहीं है !…..यह समता विषमता मजहब पर निर्भर नहीं करती है !…….खैर !………

हिन्दू मुस्लिम विवाद का ख़ास बिंदु श्री राम-कृष्ण जन्म भूमि,काशी मुद्दा सुलझाने का अच्छा अवसर है ,…….कुछ कुंठित अहंकारी पापाचार पोषित संगठनों , क्रूर कठमुल्लाओं के सिवा कोई इंसान भव्य राम मंदिर का विरोधी नही है !……सब जानते हैं कि हमारे महान श्रद्धास्थलों पर जबरन कब्ज़ा किया गया है ,…….हमारे अनेकों पूर्वजों ने इन्हें बचाने में अपनी समस्त आहुतियां दी थी !…… सभी भारतीय एशियाई मुसलमानों के सगे पूर्वज रिश्तेदारों ने आपदधर्म की रक्षा करते हुए पीड़ा मजबूरी में इस्लाम अपनाया था !…….बहुतायत पीड़ित आत्माएं प्रेमपूर्वक घरवापसी चाहती होंगी !……..भारत के पुराने घाव रिसते रिसते अब नासूर बन चुके हैं ,….…..अत्यंत कष्टकारी कैंसर बनने से पहले शीघ्र यथोचित इलाज की आवश्यकता है !…………इस सबरंगी परमलीला में हम सनातन काल के चिर साथी हैं !…कुछ काल की अज्ञानमय शत्रुता से हमारा स्थाई साथ समाप्त नहीं हो सकता है !……हम विनम्रता से सबको नमन करते हुए प्रेममय वर्तमान समाधान चाहने की प्रार्थना करते हैं !……………सबको मिलकर आवश्यक प्रभाव डालना होगा !…………सबसे अच्छा विकल्प आम सहमति से मीरबकी जैसों की गलतियाँ सुधारने में है !………..कुछ सुशक्तियाँ काफी दिनों इस दिशा में प्रयासरत लगती हैं !……हम सबको उनका समर्थन करना चाहिए !…….सब जानते मानते और कहते है कि हमारा मूल एक ही है ,….हम सब राम-कृष्ण की संतति हैं ,…….हम परमशक्तिमान वेद के पूजक अनुयायी हैं !…….सर्वश्रेष्ठ समाधान यही होगा कि हमारे मुसलमान मित्र नाजायज कब्जे दावे सहर्ष छोड़ दें !………..सब ज्ञानवान लोग मिलकर फर्जी कटुता अहंकार अलगाव की दीवार मिटाने का प्रयास करें !……हमारे मुसलमान मित्र इच्छानुसार बहुरंगी विस्तृत सनातन धर्म में सप्रेम वापसी करें !……….कुछ कमियां हममें भी हैं,..…. लेकिन तुलनात्मक रूपसे बहुत ही कम हैं !………..सबका अपने घर में अवश्य ही आत्मीय स्वागत होगा !…..जो नहीं आना चाहें उनसे भी हमारी कोई शत्रुता नहीं है ,.…..लेकिन अन्यायपूर्ण आचरण त्यागना ही होगा !…..इस्लाम के नाम पर फैलाया गया देशद्रोही विषाणु मिटना ही चाहिए !…….बलपूर्वक बनायी गयी विवादित मस्जिदें सहजता से हट सकती हैं ,……सहृदयता से अन्यत्र तामीर भी हो सकती हैं !…………मुसलमानों को तारिक फ़तेहजी ,रामिश सिद्धीकीजी ,जफ़र सरेशवालाजी ,तुफैल अहमदजी जैसे प्रगतिशील,आदरणीय इस्लामिक विद्वानों से शिक्षा लेनी चाहिए !……..सबसे पहले हमें शिक्षा तो लेनी ही चाहिए !……. तुफैल साहब के ताजा लेख का कुछ अंश यहाँ लिखने का मन करता है ,…. “सुन्नी मुस्लिम नेताओं ने भारतीय मुसलमानों के दिमाग में भरा है कि कुछ पार्टियाँ और सरकार उनकी दुश्मन है !…यही कारण है कि मुस्लिम हिन्दुओं के साथ घुलने-मिलने और पड़ोसियों से सीखने में कतराते हैं !…इस्लामिक धर्मगुरु उन्हें सिखाते हैं कि वे हिन्दुओं से अलग जीवनशैली जियें !..अगर मुसलमान तरक्की करना चाते हैं तो उन्हें इस सोच से मुक्त होना होगा !…दुनिया में भारत जैसा कोई और मुल्क नहीं जो मुसलमानों को इतने बेहतर शैक्षिक,आर्थिक अवसर और राजनीतिक आजादी देता हो !…उत्तर प्रदेश में एक भी मुसलमान उम्मीदवार न उतारकर भाजपा ने ठीक ही किया, क्योंकि वो हार जाते, मगर अब भाजपा अखिल भारतीय पार्टी बनी है तो उसे भी समझना चाहिए कि मुसलामानों को भी अपने साथ लेना जरूरी है ! भाजपा को मुस्लिम नेताओं विशेषकर महिला नेताओं को जोड़ने की जरूरत है !….राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने इस पर कुछ ठोस विचार किया है !…उसने यही निष्कर्ष निकाला कि मुसलमानों को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता !….लिहाजा आरएसएस ने राष्ट्रीय मुस्लिम मंच बनाया !…..भाजपा को भी संघ से सीखने की जरूरत है !…सुन्नी मुसलामानों और भाजपा को एक दुसरे को अपनाना चाहिए !…” ……वैसे भाजपा में कई मजबूत मुस्लिम नेता हैं ,……सत्यनिष्ठा के उभार का भरसक प्रयास अटूट मानवीय आवश्यकता है !….भारतभक्त व्यक्ति संगठन इसे पूरा कर रहे हैं !……..हम सब एक नूर से उपजे हैं ,..वापस उसी में जाना है ……व्यर्थ टकराव अहंकार से हमारी सामूहिक हानि ही होगी !…….यहाँ सुब्रमण्यम स्वामीजी की बात याद आती है !………स्थायी सौहार्द के लिए अयोध्या मथुरा काशी से मिथ्याहठ हटाना होगा ,…सारा जहाँ प्रेममय होगा !………इसके साथ गौहत्या निषेध का संकल्प भी अतिआवश्यक है !…………..धार्मिक आलम्ब भूलकर भी गाय अपनी उपयोगिता से सबकी पूज्यनीय है !………..धरती विशेषकर भारतभूमि पर बढ़ते मानवीय बोझ का यथोचित शीघ्र नियंत्रण भी आवश्यक है !…..एक राष्ट्र की हितकारी समान नागरिक संहिता से किसी नागरिक को आपत्ति क्यों है !……….सबके विकास के लिए सबका सहयोगी भाव अनिवार्य है !………….इस श्रेष्ठतम प्रेममय विकल्प को अपनाने से मानवता का अत्यंत हित होगा !…….इसका खारिज होना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है !……..सबका सकारात्मक तीव्र प्रयास बहुत आवश्यक है !…………पक्ष विपक्षी जिम्मेदार सत्ताओं के साथ सत्य ज्ञान के साधक सभी हिन्दू मुसलमानों को यथासंभव खुलकर आगे आना चाहिए !……..व्यापक विरोधों के बीच भी सत्य का पक्ष लेना और उसका उद्घोष करना साधक का लक्षण है !…………हमारे बहुत मुसलमान मित्र भी किसी न किसी रूप से सत्य की साधना में रत होंगे !…….हम सबको आत्मह्रदय से सलाम प्रणाम करते हैं !……….सनातन सत्य के अनुसार सम्पूर्ण जीवन साधना के तीन प्रमुख अंग हैं !………आहार ,……निद्रा ..और ..ब्रम्हचर्य !  ……..सब अध्याय विद्याएँ विधाएं …सब मार्ग इनके लिए हैं ,…इनमें समाहित हैं !…………खैर …

…..राममंदिर निर्माण का दूसरा विकल्प न्यायतंत्र है ,……तीव्र सुनवाई से भी यह मसला शीघ्र हल हो सकता है,….अगर मगर का कोई प्रश्न ही नहीं है ,……प्रत्यक्ष सच पूर्ण सच ही होता है !….. लेकिन यह विकल्प उतना सार्थक नहीं होगा जितना हमें आवश्यकता है !…..इससे वैमनस्य बने रहने की संभावना उपस्थित है !………………तीसरा वैधानिक विकल्प और अधिक सम्भावनाहीन है !……..न्यायतंत्र भी यदि व्यर्थ विलम्ब करे तो विधानसभा, लोकसभा से बिल पारितकर भी भव्य राममंदिर का निर्माण हो सकता है !…..राममंदिर मुद्दा भाजपाई घोषणापत्रों में जगह पाता है !…..भाजपा सरकारें पहले दोनों विकल्पों की नाकामी पर अवश्य ही तीसरे वैधानिक विकल्प का चयन करेगी !………इससे वैमनस्य अधिक बढ़ने की संभावना है ,…वैमनस्य पाप का एक बाप है ,…….पाप से प्रकृति पीड़ा पाती है !…..बदले में मानवता भी पीड़ा पाती है !……वैमनस्य का विषाणु न बचे तो सर्वहितकारी दीर्घजीवी परिणाम मिलेंगे !…….बेहतरी के लिए विचारों में बदलाव पहली आवश्यकता है ,…उसपर अमल करना हमारी सफलता है !……….बहरहाल मंदिर मुद्दा महान भारतीय श्रद्धा के साथ अस्मिता का भी है ,…अनेकों मुसलमान और अन्यान्य धर्मों के लोग भी भगवान् राम कृष्ण हनुमान शिव शक्ति के भक्त थे ,.हैं और रहेंगे !………….हमें इस मुद्दे को हर हाल में यथाशीघ्र हल करना होगा !…….राजनैतिक विरोधी विवादास्पद मुद्दा उठाने का बेशर्म आरोप लगाते हैं ,………विवेकहीन तुच्छतम निजस्वार्थ में मोदीजी, भाजपा या संघ पर तानाशाही जैसे निर्लज्ज तुच्छ कुशाब्दिक आरोप लगाना कुंठित मानसिकता को बल देना है !……राष्ट्रभक्त मोदीजी ,.भाजपा या संघ किसी व्यक्ति समुदाय की विरोधी नहीं है ,…….सत्यनिष्ठा सदैव पाप अत्याचार अनाचार दूषित अहंकार की विरोधी होती हैं !…………….सभी ज्ञानवान जिम्मेदारों को अपने साथ अपने अज्ञानियों को समझाना संभालना चाहिए !……… अब कोई बदमाशी नहीं चलनी चाहिए !……….. विवाद सुलझाना निपटाना अच्छा है या लटकाना ?………पशु भी अपने साथी पशु से प्रथमतः विवाद सुलझाना फिर निपटाना चाहता है !……….भगवान् राम कृष्ण शिव हमारे मुद्दे मात्र नहीं हैं ,…ये मानवता के ठोस यथार्थ हैं !…………….हम सामान्यतः प्रत्यक्ष प्रश्नों का समाधान करने के लिए पैदा हुए हैं/होते हैं/होते रहेंगे !….इनके बीच कुछ उन्नति या अवनति भी कर पाते हैं !……हर संघर्ष की पीड़ा मानवता को उठाती गिराती भी है !……….अब हमें ऊँच नीच अच्छा बुरा छोड़कर या कम से कम भूलकर ही …..निकट आना होगा ,….सत्यनिष्ठ प्रेम से एकदूसरे का हाथ थामना चाहिए !….अच्छे प्रसन्नतादायक कामों में सहयोग करना चाहिए !…….. भगवान् राम कृष्ण शिव ईशा मोहम्मद आदि सभी योगियों महायोगियों साधकों को अपनाने चलाने वाली सर्वव्यापी कालातीत परमशक्ति अब भी वही है ,……ऐतिहासिक सीख से उसका प्रत्यक्ष होना कम से कम भौतिक दृष्टिकोण से हानिकारक हो सकता है !……..इसबार यह क्रान्ति सबसे विशेष होनी चाहिए !……….विकार अहंकार से पीड़ित संसार का उपचार उनके प्रेममय सद्ज्ञान से भी हो सकता है ,…….प्रत्येक सामर्थ्य के पीछे वही हैं !………..हमें परमसामर्थ्य को आंकने में भूल नहीं करनी चाहिए !……….परमात्मा इतने दयालु हैं कि सब सामर्थ्य उनका होते हुए भी चुनाव का अधिकार हम आत्माओं को देते हैं !…….शायद यही उनकी इस परमक्रीड़ा का रोमांच भी होता होगा !……बहरहाल …………… परमशक्ति चालित प्रकट स्वरूपों की श्रद्धापूर्ण भूमियों पर हर अधिकार उनके अनुयायियों को है !…….भले ही वो खुद भटके हों !………सभी भूले भटके प्राणियों को अंततः उनकी शरण में ही जाना होगा !……..जितनी जल्दी जा सकें उतना ही अच्छा होगा !…….यह कार्य विकास विरोधी भी नहीं है ,…….जोरदार विकास के साथ यह काम धूमधाम से किया जा सकता है !……उत्तरप्रदेश उत्तराखंड की हमारी धर्मनगरियाँ बदहाल हैं !………सबका यथायोग्य श्रेष्ठ विकास अनिवार्य है ! ………… मंदिरों में पूजा दर्शन से पहले यथासंभव नैतिक जनशिक्षण का कार्य अवश्य होना चाहिए !… ……………..श्रीराम जन्मभूमि पर संतुलित शीघ्रता से भव्य मंदिर अवश्य बनना चाहिए !…………प्रेमपूर्व उत्साह से बनना चाहिए !…….

.……. लेकिन …….

…………….इसके लिए हर पक्ष को अनावश्यक उग्रता, अतिशय शीघ्रता, व्यर्थ अभिमानी बयान,उद्दंडता से बचना ही चाहिए !……….आखिरकार सब अपने ही हैं !……सहिष्णुता ,शान्ति सभी समाधानों की श्रेष्ठभूमि है !……संसार में कम ज्यादा सब पापी पुण्यात्मा हैं ,……सबको आत्मदोष सुधारने का पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए !………हमारे सभी मंदिरों के पुजारी धर्मवान कहाँ हैं ,..….कुछ पेशेवर अपराधी तो बचने के लिए रावण सरीखे साधू चोला पहन लेते हैं !…….मंदिर के सभी चाहवान भी सुशील चरित्रवान कहाँ हैं ,…..क्या मंदिर बनने मात्र से मानवता का विशेष उत्थान संभावित है !!!……..क्या हम किसी को कमतर सिद्ध कर बाल बराबर भी ऊपर उठ सकते हैं !………….वास्तविक उत्थान का एकमात्र श्रेष्ठ पथ विशुद्ध आध्यात्मिकता है ,…मूल,स्थूल रूप से हम सब एक हैं !…….राम मंदिर बनाने से भी कहीं अधिक आवश्यकता अपने अन्दर रामत्व लाने ,….उसे अपनाने की है !…………… उंच नीच व्यर्थ विरोध स्वार्थ लोभ छोड़कर कर्मशील सुशील मानव बनना हमारी महान आवश्यकता है !…..अपने कुसंस्कारों को मिटाना महान कार्य है !……..जिसका शंखनाद हमारे वैदिक योगऋषि परमपूज्य स्वामी रामदेवजी सतत करते हैं !………. स्वामीजी प्रेयपथ और श्रेयपथ के अद्भुत संतुलनकर्ता हैं ,….वो भगवान् के श्रेष्ठ सुयंत्र ,महान साधक हैं ,…..उनके प्रेम से लम्बे समय तक मानवता का महान हित होता रहेगा !…………विश्व चिरकाल तक उनका यशगान करेगा !……उन्होंने मानवता को अनमोल खजाना दिया है ,……सतत लुटाते ही जा रहे हैं !…….मानवता अपने श्रेष्ठ महामानव की सदैव कृतज्ञ रहेगी !……… योगशिक्षा हमारी प्राथमिक शिक्षाओं में शामिल होना चाहिए !……हमारे जीवन में अक्षर की तरह योगज्ञान प्रयोग होना चाहिए ,…….दिव्ययोग का मूल निरहंकारिता है !…….हमें महर्षि अरविन्द का महान उद्घोष याद रखना चाहिए …. “ ..मानव अन्तर्वर्ती सत्ता है ,…अंतिम नहीं !….”………….हमें भगवान् राम ,भगवान् कृष्ण ,महादेव शिव,परमवीर हनुमानजी से शिक्षा लेनी चाहिए !…….हमारे सभी पूज्य महामानव अपने समय के महानतम योगी थे ,..उनमें परमशक्ति कार्यशील हुई थी !……. शक्तिस्वरूपा संगिनियाँ भी महानतम योगिनियाँ थी !……उन्होंने सदैव पीड़ादाता विकृत अमानुषता दानवता का नाश किया है ,…दूषित मानसिकताओं को परिवर्तित किया है !……..उन्होंने सत्पथिकों का सतत संरक्षण किया है !….परहित धर्म और परपीड़ा को अधर्म स्थापित किया है !…….फिलहाल ,…....अक्सर मानवता पतझड़ के बिखरे पत्तों जैसी फैली भी दिखती है !……हम धुंधला सा जानते हैं कि हमारा वृक्ष एक है ……बस!!!…… …..विपथगामी आतंकियों अपराधियों नक्सलवादियों की अज्ञानमय क्रूरता भी मानवता का निर्जीव बिखराव सिद्ध करती है !…………….श्रेष्ठ सरकार चुनने के साथ हमारे दायित्व का अंत नहीं होता !……..व्यक्ति समाज को सत्य के प्रति सतत सजग समर्पित रहना होगा !……..अपने प्रशांत प्रयास करते हुए अहंकारहीनता से श्रेष्ठ निर्णयों को स्वीकार करने में मानवता की भलाई है !….

अंततः हमारे सामने पुनः श्रेष्ठ अवसर है ,…….हमसब यथायोग्य योग अपनाकर अपना जीवन उन्नत करते हुए सबके साथ सबका समुचित विकास कर सकते हैं !………….हमारे पूज्य प्रधानमंत्रीजी स्वयं योग के महान प्रचारक हैं !……………विपरीत परिस्थितियों में भी उनकी सत्यनिष्ठ कर्मठता में अद्भुत कुशलता दिखती हैं !………उनकी विनम्रता समता उत्साही देशभक्ति अद्वितीय हैं !……. प्रधानमंत्रीजी वास्तव में महान मानव हैं !……. निःस्वार्थ अथक परिश्रम,..शुद्ध समर्पण नमनीयता से उनको देवमानव कहना सर्वोचित है !…… पूज्य प्रधानमंत्रीजी को उनके सभी आदरणीय सहयोगियों सहित सादर प्रणाम अभिनन्दन करते हुए हम अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं !..

“…कविगण मृत्यु और बाहरी क्लेशों को बहुत अतिरंजित कर देते हैं ,……पर एकमात्र दुखांत नाटक है अंतरात्मा की असफलताएं तथा एकमात्र महाकाव्य है मानव का देवत्व की ओर विजयपूर्ण आरोहण !…”.………आतंकियों ,अपराधियों ,दुष्टात्माओं और उनके सहयोगियों का विनाश अवश्यम्भावी है !…..नियति के आक्रमण से बचाव ही एकमात्र इलाज है !…….प्रत्येक भौतिक विकास से पहले या साथ में मानसिक विकास अतिआवश्यक है !………सौभाग्य से हमारे पास पूज्य मोदीजी जैसा महान प्रधानमंत्री है ,….हमारे पास भारतीय जनता पार्टी जैसा महान राजनैतिक दल है ,…..उसके साथ अनंतों शुभकामनाएं है !…..श्रद्धेय वेंकैय्या नायडू जी का सीधा बयान अत्यंत महत्वपूर्ण है ,….नयी सरकार का एक मात्र लक्ष्य होगा विकास ,.विकास और विकास !…..यह विकास जितना सर्वांगीण होगा उतना ही शुभकारी होगा !………..हम आदरणीय योगीजी को सादर प्रणाम करने के साथ हार्दिक अभिनन्दन शुभकामनाएं अर्पित करते हैं ,….उनके श्रेष्ठ नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अवश्य ही स्थाई सौहार्द, उच्चतम विकास, श्रेष्ठ मानवता को प्राप्त करेगा !……सबके साथ से सबका विकास होगा !…….शायद पहली बार कोई सन्यासी योगी मुख्यमंत्री बना है ,……अवश्य ही उसे ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त होगा !………..हम योगीजी का, पूज्य मोदीजी का, और पूरी भाजपा के साथ उनके सभी सहयोगियों का पुनः हार्दिक अभिनन्दन करते हैं !……….. हम सभी नयी पुरानी सत्यनिष्ठ सरकारों, स्वतंत्र सत्ताओं, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और सभी को सतत श्रेष्ठकर्म करने की अभिनन्दनयुक्त हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं !……….…ॐ शांति !………भारत माता की जय !!……………..वन्देमातरम !!!

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