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आतंक का अंत !

युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,……सादर प्रणाम !

हमारे सम्मानीय सेना प्रमुख का बयान बहुत महत्वपूर्ण है !……..आतंकी के बाप पूत हथियार ढाल सब आतंकी हैं ,……सबपर आवश्यक कठोरता होनी ही चाहिए !…….पत्थरबाजी का पेशा अपनाने वालों को पाप का परिणाम मिलना चाहिए !……..कश्मीर के कुछ पतित बिकाऊ कुबुद्धिजीवियों ने जनता को बहुत भ्रमित किया है !……इस्लाम के नाम पर लोभी  कुत्सितों का साथ देना जाहिल जनता की मजबूरी हो सकती है ,…लेकिन अब सबको बचना ही चाहिए !……….कश्मीर के अधिकाँश जनता शांतिप्रिय भारतभक्त है ,……लेकिन कुछ हिस्सों में खौफनाक जालिमों का जोर है !……….समर्थ भारतीय सेना अब कदापि माफ़ नहीं करेगी !………यह सेना विपदा में हमारी जान बचाती है ,………हिंसक अंधविरोधी की जान लेना उसका अधिकार है !………..कश्मीर को आतंकमुक्त करना भारतीय सेना का स्पष्ट लक्ष्य है !…..दोचार प्रतिशत दुष्टता में पूरी मानवता नहीं पिसनी चाहिए !…..दुष्टों का दलन देवत्व की निशानी है !………आतंक से मुक्ति मानवता की महान पुकार है !………जिन अधर्मी लोलुपों ने लाखों कश्मीरी पंडितों को अथाह यातनाएं दी हैं ,……जिन्होंने जुल्मों का मूक या मुखर समर्थन किया है ,…..उनको प्रतिफलित कष्ट अवश्य मिलेगा !…………न्यायकारी नियति हमें क्रूर लग सकती है ,…लेकिन ,… सब इसके अधीन कठपुतलियां हैं………हम आत्मसुधार के साथ नियति से मानवता पर दया करने की गुहार लगा सकते हैं !…….सभी सच्ची प्रार्थनाएं सुनी जाती हैं ,…..यथोचित उत्तर देना व्यापक सत्ता का सुरक्षित सर्वाधिकार है !

…..फिलहाल ,..हमारा पाकिस्तान एक नाकाम नापाक आतंकी देश बन चुका है !………कश्मीर में कुकर्म करते कराते वो स्वयं भी भस्म होते हैं !……..भारतीय पराक्रम से पाकिस्तानी हुक्मरान कुछ बदले नजर आते हैं ,..लेकिन सदा की भांति उनका छलावा फिर घातक हो सकता है !……..बेशर्म पाकिस्तानी सेना आतंक का पर्याय है !…….पाकिस्तानी दुर्दशा का कारण उसका अज्ञानमय अपराध अहंकार है !….आतंकवाद को साफ़ संरक्षण बहुत मंहगा पड़ना चाहिए !……..अहंकारी इस्लामिक अंधज्ञानियों के पास अब भी समय हो सकता है यदि वो अपनी अन्धता त्यागकर मानवता के प्रति सम्पूर्ण समर्पण कर सकें !……आम अवाम के लिए तटस्थ अवलोकन ही उचित है !……..अब भारत में आतंकियों की खैर नहीं है ,…….ऊंचे आदर्शों का पालन करने वाली भारतीय सेना को आतंकियों, उनके समर्थकों के प्रति पूर्ण निर्मम होना होगा !…..उनकी भाषा में आतंकवादी हमारे लिए काफिर हैं और हम ईशलामी !…………हम अपने माननीय सेनाध्यक्ष जी का सादर वंदन करते हैं !……….हम अपने पूज्यपुरुष प्रधानमंत्रीजी का हार्दिक अभिनन्दन करते हैं !……..आतंकवाद से आजादी का प्रभावी अभियान बहुत आवश्यक है !……अज्ञानी विषबेल यदि समूची मानवता को मिटाना चाहे तो उसका समूलनाश अतिआवश्यक है !…………सभी वैश्विक सत्ताओं को स्वार्थहीन दृष्टिकोण से यथार्थ निदान के लिए एकजुट होना चाहिए !…………

आज पूरी दुनिया में इस्लाम के प्रति घृणा भाव उफान पर है !……..नित्य फैलता इस्लामिक आतंकवाद इस घृणा का मुख्य कारण है !………भयानक आतंकवाद के पीछे कई प्रकार की स्वार्थी कुटिलताएं छिपी रहती हैं !…… हर कार्य के पीछे कोई कारण होता है ,….कारण के पीछे फिर कार्य होता है ,….यह अनंत सांसारिक श्रृंखला सदा चलती रहती है !…..यहाँ प्रत्येक कर्म में उसका यथायोग्य फल निश्चित रहता है !……. इस्लाम से असहिष्णुता घृणा का मूल कारण उसमें मौजूद आदिम असहिष्णुता घृणा ही है !…………. खलीफाई इस्लाम की आतंकी सोच ही इस्लाम के समापन का कारण बनेगी !……….अपनी लिखी कालिम अन्धता के आगे प्रकाशमान सत्य को भी हठपूर्वक कमतर कहना बड़ी भूल है !………..प्रत्येक मानवजीवन सम्मानयोग्य है या हो सकता है,…… लेकिन मानवजाति का सम्मानित जीवन यहाँ सर्वाधिक महत्वपूर्ण है !…………अब धरती के भविष्य के लिए आतंकवादियों का पूर्णांत अत्यंत अनिवार्य है !……. इस्लाम आतंकवाद का पर्याय जैसा बन चुका है !……आज यदि मोहम्मद साहेब भी मौजूद होते तो यही चाहते !………..लेकिन संसार भर के कुंठित मौलानाओं को अपनी हर हिकारत हिमाकत अजीज है !………पक्के कुंठितों से धरती आजादी चाहती है ,लेकिन यहाँ सत्ताएं मेरा तेरा अपना पराया में फंसी हैं !……….चीन को किसी पक्के सबूत के तौर पर कंधार की साबुत हवाई पट्टी चाहिए !………भारतीय मौलानाओं को बहुविवाह, तीन तलाक, फर्जीवाड़े फतवे का अधिकार चाहिए !…….थोकभाव में जाहिल जनसँख्या बढ़ाने का कारोबार बेरोक चाहिए !……..राम कृष्ण जन्मभूमि काशी ज्ञानव्यापी चाहिए ! …..यह आत्महंता प्रवित्ति है !……..इस्लामिक उच्चज्ञानियों को सामान्य सहृदयता दिखानी चाहिए !……आज के दौर में शरीयत क्रूरता का पर्याय लगती है ,…..इसको पूरी तरह से खारिज करना मानवता के हित में होगा !……..आवश्यकता और चेतना की प्रगति के अनुसार नियम बदलने चाहिए !………हमें हर हाल में याद रखना चाहिए कि हमारा सर्वसमर्थ स्वामी हमसे भिन्न चेतना है ,…..उसका अधिकार बहुत विशाल है ,…..सतत कर्तव्यशील चेतना की निरंतर अवहेलना से हमारी महती हानि निश्चित है !……..धरती ब्रम्हांड के सभी नियम हममें से हर एक पर लागू होते हैं !…..दुर्लभ अपवाद होना भी नामुमकिन है !…….

…इस धरती पर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपने को सुरक्षित समझकर संसार से कुटिल खेल खेलते हैं !………..उनके लिए ये समझना अत्यंत अनिवार्य है कि यहाँ से कोई बचकर नहीं जाएगा !……..भारत से खेलना है तो प्रेम से खेलो ,…..संसार के सभी साधक सिद्ध मत पंथ सम्प्रदाय हमारे वैदिक प्रेमज्ञान से सींचे गए हैं !…….हम सदा सबसे प्रेम ही करते रहेंगे !…..कोई मत पंथ मिथ्याचार से अछूता नहीं है ,…लेकिन …. इस्लाम पूर्ण विकृति के कगार पर है ,..इस विकृति से पूरा संसार और खुद इस्लाम भी खौफजदा है !……सूफियाना समाज उसे सुधार सकता था , लेकिन….. क्रूर कुंठित कट्टरता उसे ही मिटाती रही है ,…….औरंगजेब बाबर जैसे क्रूर कुत्सित कुशासकों को अपना आदर्श समझने वाले अब समझ जाएँ !……..क्रूर धर्मांध लुटेरे पूर्वज ग्लानिपूर्ण उपेक्षा के काबिल हैं !……हम दाराशिकोह का सचमुच सम्मान करते हैं !……….पतित इस्लामियों से हमारा आग्रह है कि अब कुंठा अहंकार विकार त्यागो तभी बचोगे !……..विकारमुक्ति के लिए योगसाधन आवश्यक हैं ,…..योगसाधनों के लिए सत्यनिष्ठा आवश्यक है ,……सत्यनिष्ठा के लिए समझ जरूरी है !…….मूल समझ सिर्फ इतनी है कि मूलतः हम सब एक हैं !…….हमारे परमेश्वर एक हैं !…….हमें एक जैसे आचार विचार व्यवहार अपनाने का प्रयत्न करना चाहिए !……….सौभाग्य से स्वामी रामदेवजी जैसा महान योगपुरुष हमारे बीच है !…….हम उनसे योग की दिव्य दीक्षा ले सकते हैं !…….अंततः ….जो जैसा कर्म करेगा वैसा फल ही मिलेगा !……..किसी को तड़पाकर काटोगे खाओगे तो कष्टकारी परिणाम ही मिलेगा !……..बहरहाल …..भगवत्ता में रची बसी भारतीयता सबको अपने प्रेम से सराबोर करना चाहती है !…….चुनाव सदैव हमारे हाथ में होता है !……..अधिकाँश भारतीय मुसलमानों ने तलवार की धार पर इस्लाम को अपनाया था !………हमारी स्नेही आत्माएं सम्मानित सुरक्षित घरवापसी की प्रबल इच्छा रखती हैं !…….हमारे सार्थक प्रयत्न भी होने चाहिए !…….हम आतंकवादी सोच के सिपाही कदापि नहीं हो सकते !……आतंकवादी की आत्मा भी जम जाती होगी ,…..जडात्मा भी मुक्ति की इच्छा रखती होगी !…..उनको मुक्ति देना महान कर्तव्य है ,…..फिर चाहे वो अनंत निरंजन में मिलें या बहत्तर हूरों से !…….ईश्वरीय क्रीड़ा अतुलनीय है ,…हमारा स्वाभाविक अहंकार प्रगति का प्रमुख साधन है ,……यही स्वमान जब घमंड या हीनभावना से आच्छादित हो जाता है तो हमारे पतन विनाश का कारण भी बनता है !…..प्रत्येक मानव, समुदाय, पंथ, देश पर शाश्वत नियम सदैव आरोपित रहते हैं !…..हमारा शाश्वत उद्धारक भी सदैव उपस्थित रहता है !…….हमें भारत समेत पूरे संसार से खौफनाक आतंकी साया विवेकपूर्वक हटाना होगा !…….. हम शाश्वत सत्ता के सजीव प्रतिनिधि भी हैं !…....ॐ शांति !……….भारत माता की जय !!………………वन्देमातरम !!!

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