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आरक्षण !

युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,….सादर प्रणाम !

महत्वपूर्ण चुनावों के समय जाट समाज फिर आन्दोलनरत है !………आरक्षण के लिए हुए पिछले आन्दोलन में मानवता को बदहवास करने वाली बेशर्म बदमाशी हमें बहुत दिन तक याद रहेगी !……,,,आन्दोलनकारी अब पिछले कुकर्मियों की आम माफ़ी भी चाहते हैं !……….यह मांग निश्चित अन्यायपूर्ण लगती है !…………यद्यपि वो लोग पेशेवर अपराधी नहीं होंगे ,…..फिरभी उनको न्यायपालिका का सामना करना चाहिए ,…… किसी को फांसी उम्रकैद नहीं होने वाली है ! …..माफ़ी के लिए पीड़ित को गुनाहगार से अपेक्षित उचित प्रतिपूर्ति मिलनी ही चाहिए ,……..युवा भटके तो जिम्मेदारी जिम्मेदार बड़ों की है ,……..उन्हें भरमाने वाले चंद चौधरी बड़े गुनाहगार हैं ,…इन्होंने पूरे समाज की बदनामी कराई है ,……स्वार्थी तत्वों ने सियासती इशारों पर अपने देश समाज से गद्दारी की !…..सब जानते है कि हिंसक तांडव के पीछे कौन था !…..उजड़े गांधियों के रबड़ी गुलाम ‘हुड्डा’ उस आन्दोलन के पर्दानशीं सूत्रधार थे !………अपनी मिटती औकात बचाने के लिए कांग्रेस हर कुकर्म करती है !……लगभग पूरा कांग्रेसी कुनबा पूर्णभ्रष्ट गद्दार है !……किसी की खटिया यूं ही नहीं लुटती है !………ईमानदार भारतीय जनता को एक प्रश्न परेशान करता है,…  क्यों हमारा न्यायतंत्र राजसी हरामियों के आगे हरबार लाचार हो जाता है ?……..देश अपने हर समाज से यही चाहता है कि स्वार्थवश कोई सार्वजनिक नंगई बदमाशी कदापि न करे !……..हमारी खंडित मानसिकता वैसे भी अपराधी तंत्र से पीड़ित हैं !……मांग उचित हो तो भी खून से नहीं भरी जानी चाहिए !……वीर जाट समाज बहुत ही सम्मानीय था ,……उस आन्दोलन से उनके सम्मान को बहुत हानि हुई है ,…….वीर समाज अपनी बाकी इज्ज़त बचाने और गंवाया कमाने की जिम्मेदारी उठा सकता है ,……देशभक्त समाज के सच्चे सेवकों विद्वानों समर्थ गुणवानों पर बड़ी जिम्मेदारी है !……हम आशा करते हैं कि हमें सही समझ अवश्य आएगी !…………जातिविहीन समाज स्वर्णिम भारत का निश्चित भविष्य है !

फिलहाल आरक्षण का मुद्दा सरल नहीं है !…….आरक्षण सर्वकालिक भी नहीं है ,…स्वयं बाबा साहेब इसे यथा शीघ्र समाप्त करने की गहन इच्छा रखते थे !……..लेकिन ,….खाऊ राजों के चलते आरक्षण का सच्चा उद्देश्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है ,…इसलिए इसे चलते रहना चाहिए !…….सबका साथ सबका विकास के लिए अपेक्षित सुधार समीक्षा आवश्यक लगती है !…….सम्मानीय संघ के प्रचार प्रमुख ने यही बात कही तो बेशर्म सियासत में भूचाल जैसा आ गया था !……मृतप्राय मलाईखोरों को चांदनी रात में केसर मलाई का स्वाद आ गया !…..जीभ एसी लपलपाई कि अबतक टपक ही रही है !……खैर ,…….उन्नत राष्ट्र में आरक्षण की आवश्यकता नहीं रहनी चाहिए !……उसके लिए हमको अभी लम्बा सफ़र तय करना है ,…..श्रेष्ठ मोदी सरकार समान शिक्षा ,.समान अवसर देना चाहती है ,….अगड़े पिछड़े दबे सभी समाजों को सहयोग करना चाहिए !………बदहाल स्कूली शिक्षा की समर्थ स्थानीय निगरानी होनी चाहिए !…..सबके कौशल का भरसक विकास होना चाहिए !…..सरकारी नौकरियां बहुत सीमित हैं ,….हमें इनके पीछे पड़ने का पागलपन छोड़ना होगा !….श्रेष्ठ प्राथमिक शिक्षा के आगे उत्थान के अनेकों साधन हैं ,…. वंचित परिवारों के अनेकों चिराग अपने पुरुषार्थ से प्रकाश फैला रहे हैं !……..पूज्य मोदीजी वंचितों के सूर्य समान हैं !……सच्चा राष्ट्रभक्त ह्रदय से सबका उत्थान चाहता है !……सदियों से बर्बाद होते देश के पूर्ण उत्थान में लम्बा समय लगेगा लेकिन यह अवश्य पूरा होगा !…….हमें धैर्यपूर्वक आत्मोत्थान की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए !

कुछ और विचार उठते हैं ,……जिनको एकबार आरक्षण का लाभ मिले उनकी संतति आरक्षण से आजाद होनी चाहिए !…..इस सूत्र से हमारा उद्देश्य शीघ्रता से पूरा होगा ,…….क्योंकि सरकारी कर्मचारी होते ही व्यक्ति वंचित नहीं रह जाता ,….वो अपनी संतान को यथायोग्य बनाने में समर्थ होता है !…….. प्रति दसवर्ष बाद आरक्षित कोटा में उचित कटौती की जा सकती है !………..वंचित मानवता को छूट होनी चाहिए लेकिन …….महत्वपूर्ण पदों पर न्यूनतम योग्यता का अपमान असहनीय है !……..शिक्षक, डाक्टर, उच्चाधिकारी पदों के लिए योग्यता में छूट नहीं मिलनी चाहिए !……….कमजोर कर्मचारी से काम चल सकता है लेकिन कमजोर शिक्षक अधिकारी से भारी सामूहिक अहित होता है !…………आरक्षण का मौजूदा स्वरुप सामाजिक वैमनस्य, कुंठा, अपराध बढाने वाला है !…….इसकी पीड़ा प्रत्येक मानव भोगता है ……हमें गंभीरता से सोचना ही होगा !………हम मानव एक विशेष पशु हैं ,…..विपशुता में भी इतना विवेक होना चाहिए कि ,… हमारा संसार किसी महानतम सत्ता की श्रेष्ठतम रचना है ,….अकारण ईर्ष्या द्वेष अहंकार अलगाव टकराव पतनकारी हैं ,…….सामूहिक उत्थान की जागृत भावना हमारे मूल में रहनी चाहिए ,……….. धीरे धीरे टुकड़ों में ही सही हमारी आतंरिक एकता जागृत हो रही है !…….यह हमारा सौभाग्य है और हमें सनातन पुण्यात्माओं का आशीर्वाद भी है ! ……तभी एक श्रेष्ठ सरकार भारत का नेतृत्व कर रही है !………ॐ शान्ति !…….भारत माता की जय !!…………वन्देमातरम !!!

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