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कुछ बातें !

युवामंच
युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,…सादर प्रणाम !

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता जी का देहांत हो गया है !…….आम जनमानस में उनके लिए प्रगाढ़ प्रेम उनको आम राजनीति से ऊपर रखता है !……..वो नारीशक्ति के प्रेम हठ साहस क्षमता सहनशीलता परिपक्वता की श्रेष्ठ उदाहरण थी !………उनके जाने से सम्पूर्ण भारत शोकग्रस्त हुआ है !……. उनपर भ्रष्टाचार शाहखर्ची का आरोप भी था !……..पहले वो न्रित्यान्गना अभिनेत्री थी ,…..उनकी माता भी अभिनेत्री थी ,….बनाव श्रृंगार संपत्ति आभूषण उनकी सहज पसंद रहे होंगे !………. संभव है कि मानव सुलभ भौतिक कामनाओं के लिए प्रारंभ में उन्होंने सर्वव्यापी परिस्थितिवश भ्रष्टाचार किया हो !….लेकिन तमाम संपत्ति उनके किसी काम नहीं आई ,………सिर्फ प्रेम ही कामयाब हुआ !……मानव चाहे तो प्रतिदिन प्रगति कर सकता है ,……परमात्मा भी साथ देते हैं !……जयललिता जी बाद में सचमुच नायिका बन गयी !…….. अंतिमयात्रा ने उनको महानायिका बना दिया !……..हमें अपनी करनी तो भोगनी ही पड़ती है !…………..हम उनको नमन करते हुए उनके श्रेष्ठ उच्चतर भविष्य के लिए प्रार्थना करते हैं !……..हम विश्वास करते हैं कि तमिलनाडु उनके दिखाए प्रगतिपथ पर एकजुटता से बढ़ता रहेगा !…….

इधर बीमारू राष्ट्रीय अर्थतंत्र का गहन इलाज जारी है !……खबरानुसार अधिकाँश बड़े नोट बैंक में जमा हो चुके हैं !………अब जल्दी से जल्दी निकासी पर बहुत जोर है !…………..सरकार,रिजर्व बैंक पर कई किस्म का सही गलत दबाव दिख रहा है !……..रूसी दूतावास ने भी नकद न्यूनता की शिकायत की है !……..दूतावास में काम करने वाले लोग उच्चशिक्षित समर्थ हैं ,……वो पहले से चेक इलेक्ट्रोनिक भुगतान लेते देते रहे होंगे !…….जब हम आम किसान मजदूर गरीब का काम कमोवेश आराम से चल रहा है तो ,…उनकी शिकायत अकारण ही लगती है !…….नेक काम में सबको सहनशील सहयोगी रहना चाहिए !………..हम समझते हैं कि नकद निकासी बहुत नियंत्रित होनी चाहिए !……….हमारे प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता से नोटरुपी तमाम काला धन बैंक आ चुका है ,……..अब इसे पुनः यथारूप लुटाने का कोई औचित्य नहीं है !

सरकार अवश्य ही जानती होगी कि किस किस तरह से काला धन बैंक पहुंचा है !………अब इस युद्ध की निर्णायक कार्यवाही का समय लगता है !………घरेलू बचत में हजारों लाखों के बड़े नोट जमा होना असामान्य बात है !……….कुछ परिस्थितयों को छोड़कर गरीब के पास एक्का दुक्का नोटों से ज्यादा नहीं होते ,….दस बीस हजार होना बहुत बड़ी बात है ,……हमारे मध्यवर्ग के पास तीस चालीस हजार की बड़ी नकदी बचत होना बड़ी बात है !……..आज आम व्यापारीवर्ग को कुछ ज्यादा नकद रखना पड़ता है ,…..हम आशा करते है कि अब उनमें भी कमी आएगी !………….सरकार को समुचित समन्वित समाधान करना होगा …….बैंकों से सच्चा स्वच्छ धन ही निकलना चाहिए !…….फाकाकशी की कहीं कोई नौबत नहीं आने वाली है ,….फिर किन्ही भी आवश्यक स्थितियों में मोदीजी ग्राम पंचायतों/निकायों से सीधा सहयोग ले सकते हैं ,…..पुण्यकर्मों में सबका यथासंभव सहयोग होना ही चाहिए !……युद्ध और इलाज दोनो में पीड़ा होती है !……पीड़ा सहकर ही हम विकारमुक्त होते हैं !…….कुशल सरकारी प्रबंधों से युद्धक इलाज की जनपीड़ा बहुत कम है !…..जिनको ज्यादा दर्द है उनको होना ही चाहिए !.

पढेलिखे नौकरीपेशा ,व्यापारियों ,उद्दमियों के लिए भुगतान के अन्य विकल्प आसान सुरक्षित हैं !……व्यापारीवर्ग तेजी से तकनीकी भुगतान अपना रहा है !………छोटे भुगतानों के लिए छोटी नकदी का आवश्यक प्रवाह कुछ तेज होना चाहिए !……मजदूरी कामगारी फुटकर कृषि कारोबार आदि के लिए पर्याप्त नकद धन होना चाहिए !…….सच्चे चालू खातों को पर्याप्त छूट मिलनी चाहिए ,…..लेकिन यह नियंत्रित निगरानी में होना चाहिए !……..ताकि ऊंचे राष्ट्रीय लक्ष्य पूरे हों !…….देशद्रोही चोर भ्रष्ट दलाल मंडली को मानवीय सरकार और सच का मतलब पता चले !….

काले कुबेरों ने हडबडाहट में कई रास्ते अपनाए हैं ,………. बचत खातों में इस दौरान जमा हुए धन का सख्त परीक्षण बहुत जरूरी है ,…. मुद्रा फिरसे गंदगी में नहीं जानी चाहिए !…….जांच सीमा खाते से औसत वार्षिक लेनदेन के अनुरूप उदारता से निर्धारित हो तो सबसे अच्छा है !………अन्यथा ग्रामीण क्षेत्रों में पंद्रह बीस हजार शहरी में पच्चीस तीस हजार तक पर्याप्त लगता है !……सीमा का निर्धारण करते समय तमाम आवश्यकताओं का ध्यान रखना चाहिए ! ……..शादी इलाज आदि खर्चीली आवश्यकताओं के लिए अधिक धन दिया जा सकता है !……..आवश्यकतानुसार ग्रामपंचायतों आदि निकायों द्वारा जिम्मेदार आधिकारिक सच्चे प्रमाणन की व्यवस्था हो सकती है !…….अधिक स्वबचत का उचित प्रमाणन होना ही चाहिए !……..महिलाओं बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था की जा सकती है ,……. परमात्मा(ईश्वर ,अल्लाह ,गॉड ,सत्य आदि ) के नाम से शपथपत्र लेना प्रभावी न्यायसंगत हो सकता है !………झूठों का कल्याण कहीं नहीं हो सकता है !……..परमसत्य का निर्णय सर्वाधिक प्रभावी न्यायिक होता है !..

सरकार को यह भी देखना होगा कि आम जनता को बहुत ज्यादा समस्याएं न हों !……..उत्तरप्रदेश जैसे अंधविरोधी गुंडाशासित राज्यों में हालात कुछ ज्यादा बदतर लगते हैं !….खाऊराजों की विकट भूख आमजन पर भारी पड़ रही है !……..कहीं कहीं बैंक नाकाम सिद्ध हो रहे हैं !…….बैंकों को पर्याप्त उचित नकदी जिम्मेदारी से मिलनी चाहिए ,……बैंकों में कुशल कर्मठ देशभक्तों के साथ भ्रष्ट बेगारू लोग भी भरे हैं !……..आम जनता से पहले ये अपने आकाओं को देखते होंगे !………भ्रष्टों का समुचित इलाज होना ही चाहिए !……दलालों को बैंकों में नहीं होना चाहिए !………राष्ट्रीय सेवारत कोई भी अधिकारी कर्मचारी यदि राष्ट्रनिर्माण में सक्षम सहयोग नहीं कर सकता तो …उसको मंहगी नौकरी करने का कोई अधिकार नहीं है !…….रोड़ेबाज भ्रष्टाचारियों को बर्खास्तगी के साथ जेल मिलनी चाहिए !…………हमारे तमाम योग्य देशभक्त नौजवान राष्ट्रसेवा करने को तत्पर हैं ! ………..सच्चाई से सेवा देने वाले सुकर्मियों को देश नमन करता है !…….हमारी सत्यकथाएँ पीढ़ियाँ याद रखेंगी !

भारत में तमाम बेहिसाब बैंक हैं ,….कुछ का तो काम ही काला लगता है !……चालू तबके ने तमाम खाते खुलवाये हैं !……किसी किसी के पास तो दर्जनों खाते हैं !…..परिवार में पचासों खाते हैं !…..इनको जोड़कर देखना बहुत बड़ी चुनौती है !………हमको नही पता कि यह कैसे होगा ,…लेकिन करना अवश्य पड़ेगा !……….हमें सबसे सरल रास्ता बैंकों का एकीकरण लगता है !……सभी बैंकों को संयुक्त कर एक पूर्ण स्वच्छ सक्षम सरल सर्वांगी व्यापक सेवादायक ‘भारत बैंक’ बनाना उज्जवल भविष्य के लिए अच्छा कदम हो सकता है !…….शोर्टकट में बीबी नाम होने से महिलायें भी प्रसन्न होंगी !……..खैर …..कर्मचारी संगठनों के कुछ पदासीन लोलुप बड़े पुराने पापियों की नाजायज औलादें हो सकती हैं ,…….हमें किसी भभकी को भाव नहीं देना चाहिए ,….भ्रष्ट सर्वव्यापी हैं ,…आवश्यकतानुसार सबको निपटाना होगा !……..जयललिताजी एक सटीक कारगर उदहारण समझाकर गयी हैं !……….श्रेष्ठ सरकार के सामने अनेकों चुनौतियाँ हैं !……….सबका समुचित निदान उसकी श्रेष्ठता को और प्रगाढ़ करेगा !…….कोई भी कुशक्ति भारतीय उत्थान में बाधक नहीं बन सकती !…… भारतीय युवा किसान मजदूर बड़ी आशाएं बांधे बैठा है !………हम स्वभावतः मूर्ख अधीर भी हैं ,….तभी अयोग्य अनैतिक भोगी भी हमारे शासक बने !…….लेकिन श्रेष्ठ सच्ची सरकार चुनकर हमने अपनी तमाम गलतियों को साफ़ किया है ,…….मानवताखाऊ भ्रष्टतंत्र को सही से साफ़ करना उनकी जिम्मेदारी है !…….इसके लिए हम हर कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं !…..हमारी गहराई में अथाह धैर्य भी भरा है !……सरकार को हरसंभव जनसहयोग मिलता ही रहेगा !……..भारतीय उत्थान आत्मशान्ति के लिए जारी इस महायज्ञ में कोई कमी चूक नहीं होनी चाहिए !………

एक और बात !…………देश में अक्सर बेकाबू जनसँख्या पर चिंताएं व्यक्त होती हैं !…….निश्चित ही यह बड़ी चिंता का विषय है !……ज्यादा जनसँख्या आधुनिक जाहिलियत का प्रमाण है !………लूट अशिक्षा कुशिक्षा जड़वादिता के कारण हमारी समस्यायें ज्यादा बढ़ी है ,…..  हमें स्वयं ही सचेत होना चाहिए !……संसारी संसाधन सीमित हैं !……..ज्यादा जनसँख्या से पापी विसंगतियां बेरोजगारी अपराध बीमारी गरीबी बढ़ती हैं !……..कभी एक कांग्रेसी गांधी ने इसका क्रूर असफल उपाय अपनाया था !……….अब हम तब से लगभग दोगुना जरूर होंगे !………..अब इसके सार्थक त्वरित निदान की बहुत आवश्यकता है !………आज गर्भनिरोधन के तमाम सरल सुरक्षित तरीके हैं !…….हमें उनको अपनाना ही चाहिए !…… पहले ज्यादा संतान होना गर्वीली धारणा होती थी !….. अब भी हमारे मानसिक गुणसूत्रों में मैल जमा हो सकता है !……..लेकिन …,.विस्फोट से पहले प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण बहुत आवश्यक है !……राष्ट्रहित के आगे किसी भी जड़ धारणा का कोई मोल नहीं है ,……. एकल संतानों को प्रोत्साहित पुरस्कृत करना चाहिए ,…….अधिक संतानों पर दंडविधान होना चाहिए !…….ये दंड आर्थिक या शारीरिक या दोनों हो सकते हैं !……..दो संतान हो जाने पर अनिवार्य नसबंदी भी हो सकती है !……. राष्ट्रहित में हमारी सच्ची सरकार को निःसंकोच होकर हर निर्णय लेने का पूरा अधिकार है !…..यह उनका महान कर्तव्य भी है !…..सरकार को स्वविवेक से समुचित निर्णय करने चाहिए !……..भ्रमित बकवादियों की बकवास मानवता के किसी काम की नहीं है ,…..उनकी पूर्ण उपेक्षा ही श्रेयस्कर है !……अंध मोदी विरोधियों का हर अंग अविवेकी है ,…….यदि कभी मोदीजी कहें कि हमें खाना मुंह से चबाकर खाना चाहिए ,…तो ये नीचे से बिना चबाये खाने की जिद भी पाल सकते हैं !……वैसे …बच्चे कम ही अच्छे …जो हों उनकी सुशिक्षा का सम्पूर्ण प्रबंध अनिवार्य है !…..सुशिक्षा के लिए श्रेष्ठ मानव निर्मात्री आध्यात्मयुक्त भारतीय शिक्षा का पुनरुत्थान होना चाहिए ! …..सुशिक्षा ही सभी समस्यायों का स्थाई समाधान है !…..…….ॐ शांति !……..भारत माता की जय !!………वन्देमातरम !!!

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