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फकीरी !

युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,…..सादर प्रणाम !

“..कोई मेरा क्या बिगाड़ लेगा !……..फ़कीर आदमी हूँ जी ,……निकल पड़ेंगे झोला लेकर !…”………….मुरादाबाद की परिवर्तन रैली में मोदीजी की सत्यनिष्ठा गरजी बरसी तो जनसैलाब सुन्माद से सराबोर हो गया !..नमो नमो !……मोदी ..मोदी !……………मोदी ..मोदी !………….मोदी …मोदी !…………..लगा जैसे भारतीय जनता अब मोदी को सुनना नहीं ,….बस गाना चाहती है !

हमारे स्वार्थी लोभी भ्रष्ट नेताओं के मुंह पर तमाचे दर तमाचे पड़ते रहे ,…..लेकिन शायद बेहोशी में आभास नहीं होता होगा !……. दौलत की बेटी बनी मायावतीजी का औपचारिक ‘बुआ बबुआ ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन’ चला !………ज्यादातर ने चुप की भलाई समझी !………राजनीति को लात ही उसकी मौजूदा औकात है ,…….देश को राष्ट्रनीति पर पूरा विश्वास हो गया है !……….दिमागदार काले सुल्तानों का साबका इसबार सत्यनिष्ठा से पड़ा है !………कुछ भी कर लो ,…मोदी छोड़ने वाला नहीं है !……किसी महापुरुष ने सच ही कहा है …

“हद चले सो औलिया ,बेहद चले सो पीर !

हद बेहद दोनों चले ,उसको कहो फ़कीर !…”

मोदीजी की फकीरियत बचपन से ही सिद्ध है ,……..फकीरियत की शक्ति संसार बहुत बार देख चुका है ,…देख रहा है ,..हमेशा देखता रहेगा !……..फ़कीर को किसी भी प्रकार से चोट पहुंचाने वाले खोटे इंसान अपनी दुर्गति को प्राप्त ही होते हैं ,……..सत्य में परम स्वयं बसते हैं !…….मोदीजी का जीवन सत्यनिष्ठा राष्ट्रसेवा ,मानव कल्याण से ओतप्रोत है !……..बहुत दिनों के बाद दुनिया को मोदी जैसा आदर्श नेता मिला है,…….इसके लिए संसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कृतज्ञ है ,…हमेशा रहेगा !………हमारे अतिशय सौभाग्य से भारत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जैसा महान सेवाभावी सक्षम शक्तिशाली सक्रिय सर्वतोन्मुख फकीरी संगठन कार्यरत है !………….भारत पर बहुत दिनों से पतित लोभी राक्षसी गिद्धों मगरमच्छों की खूनी निगाह है !…….बार बार लगातार हर बार अनेकों रूप में हमपर आक्रमण दर आक्रमण होते हैं ,……हम बहुत नोचे भी गए हैं !……….. पवित्र संघशक्ति अपनी स्थापना से हमें हरबार न सिर्फ बचाती है बल्कि सतत शक्तिशाली भी बनाती है !………मानवता रक्षक संघ मानव निर्माण की सफलतम महान प्रयोगशाला है !…….संघ विरोधी भ्रमजीवी लोग मानवता के निश्चित अपकारी हैं !

फ़कीर की बात चली है तो ,…..हमेशा की तरह आज भी दुनिया में तमाम किस्म के फ़कीर हैं ,….कुछ तो पूरे बहुरूपिये हैं ,…….लेकिन सत्यनिष्ठा का स्तर सबको अलग करता है !……कर्मठता सत्यनिष्ठा का अभिन्न अंग है !……. शुद्ध पवित्रतम योग को हर जन तक पहुंचाने वाले योगऋषि स्वामी रामदेव जी का मानवप्रेम अनूठा अद्भुत विस्मयकारी है !……उनका महान सर्वांगी स्वदेशी अभियान मानवता को श्रेष्ठ दिशा दे रहा है !………..राष्ट्रऋषि के शब्दों में प्रत्येक भौतिक उन्नति योग का बाईप्रोडक्ट (सहउत्पाद) मात्र हैं ,….वास्तविक उपलब्धि तो बहुत ऊंची है !………..लेकिन अज्ञान जड़ता पाप दुःख पर्यायवाची जैसे हैं ,….हम काफी मात्रा में अज्ञानी हैं …या कुसंस्कारों वश बने रहना चाहते हैं !………

……सच्चा फ़कीर भोगलिप्सा जीत लेता है ,…..वो सर्वस्वामी होते हुए भी सबसे निर्लिप्त रह सकता है ,….इसलिए वो सर्वदा विजेता रहता है ,…प्रतीत होती हार भी महान विजय में बदल जाती है !……वो पाप में बसकर भी पाप से अछूता रह सकता है !……….स्वामी रामदेवजी ,श्री नरेंद्र मोदीजी, पूज्यपाद मोहन भागवत जी और उनके जैसे अनेकों प्रकट अप्रकट फ़कीर महात्मा मानवता के लिए निश्चित पूज्यनीय हैं !……………तमाम वर्तमान विभूतियाँ हमारे लिए प्रत्यक्ष प्रमाण प्रेरणा आदर्श हैं !……….इनकी जैसी महान माताओं के कारण ही नारीशक्ति सदैव पूज्यनीय है !……….हमसब इनके जैसा नहीं बन सकते ,…न आवश्यकता ही है ,……लेकिन विश्वकल्याण आत्मकल्याण हेतु अनावश्यक अनैतिक भोगलिप्सा त्यागना बहुत आवश्यक है !……..असीमित भोगलिप्सा से भय भूख भ्रष्टाचार पनपता है ,………इसके तमाम सहउत्पाद पाप पर्याय हैं !….परिणाम दुःख और सिर्फ दुःख होता है !….. हमारे तमाम व्यक्तिगत सामूहिक वैश्विक दुःखों का वास्तविक कारण अनैतिक भोगलिप्सा ही लगता है !……

भोगी मानव तमाम तरह के कुप्रयास करता है !……..हमें अँधेरे की ऐसी लत पड़ी कि अपनी कालिख को उजाले में धोने से भी डरते है ,……कहीं ज्यादा साफ़ न हो जाय !….हा.. हा.. हा.. हा.. हा …….हमें खुद पर हँसना ही चाहिए !………..काले धनिकों के तमाम कुप्रयास सिद्ध करते हैं कि यह लड़ाई कुछ और लम्बी खिंच सकती है !………काले हुक्मरानों का कुटिल जाल श्रेष्ठ सरकार की उम्मीद से ज्यादा व्यापक और मजबूत लगता है ,..लेकिन ….इनको मिटाए बगैर हम रुक नहीं सकते !………हम किसी इंसान का अहित नहीं चाहते ,…..लेकिन अहितकारों का अहित मानवता के हित में निहित है !……

…हमें पूरी आशा है कि मोदी जी आम नागरिकों को संघर्षपीड़ा से भरसक बचायेंगे ……हम हरकदम उनके साथ हैं !………. कुछ जमीनी बातें सरकार को ज्यादा समझनी चाहिए !………..कुछ बैंककर्मी ज्यादा परेशान हैं ,…..क्योंकि अब तक वो बेईमान खाऊ आरामतलब राज के आदी बन चुके हैं !………कुछ को स्थानीय गुंडे माफिया भी प्रताड़ित करते हैं या कर सकते हैं !…….उत्तर प्रदेश में तो स्वप्रमाणित गुंडाराज ही है !……..बैंकों में भरपूर बिकाऊ कमीशनखोर मानवी माल भी हैं ,……आम जनता इनसे पीड़ित होती है !…….अनुभव कहता है कि अधिकाँश बैंकमित्र घपलेबाजी दलाली के उस्ताद बन चुके हैं ,……हम पहले भी दलाली के शिकार थे ,….बैंकमित्रों से दलालतत्व व्यवस्थागत हो गया है !……स्थानीय बैंकमित्र बाहरी बैंककर्मियों पर कई तरह से दबाव बनाते हैं या बना सकते हैं ! ……… बैंकों की कार्यकुशलता में बाधक तत्वों का त्वरित निस्तारण करना आज की आवश्यकता लगती है !……..और ………..मात्र कहने से सबकोई नहीं मान सकता है !……..भयग्रस्त भ्रष्टों के पैसे आम खातों में कई माध्यमों से डाले जाते हैं !………भ्रमित पापी अपने हितसाधन हेतु भय हिंसा भी अपना सकते हैं ,…….शोषण का आदी दलाल तंत्र गुंडातत्वों की सरपरस्ती में हैं !…….गुंडई को अंधे बहरे ही अपनाते हैं ,…..महान आवाहनों को सुनना समझना सबके बूते की बात नहीं है !…….

…परेशानी की आड़ में तमाम सफेदपोश लोग पाप के भरसक प्रसार में जुटे हैं !……..कालेधन पर टीपू भैय्या की बात पर कौन सच्चा दिल रोया नहीं होगा!……….हाइवे मेट्रो बनाकर अतिभ्रष्ट अहंकारी जड़ जातिवादियों ने मानवता को अपना गुलाम समझ लिया !……….कौन नहीं जानता कि इन कामों के दौरान केंद्र में मोदीजी की राष्ट्रनिष्ठ विकासवादी सरकार से महान योगदान मिला है !……देश का हर मुख्यमंत्री मोदीजी की विकसित राष्ट्रनिष्ठा , प्रखर कर्तव्यनिष्ठा जानता समझता है ,………लेकिन स्वीकारने की औकात सबकी नहीं हो सकती है !………..झूठों का मुंह इतना काला है कि सम्बंधित सांसदों को उदघाटन समारोह में बुलाने की औपचारिकता भी भूल गए !………खैर गुंडई भ्रष्टाचार ही जिनका सर्वस्व हो ……….उनको उनका नसीब मुबारक !………..जनता को मूर्ख बनाने समझने वालों की भोगलिप्सा उनके लिए ही भयकारी कष्टकारी होगी !…….तभी भ्रष्टाचारियों का ट्रेनी टीपू पाप अपराध से लदी अपनी पंचर साइकिल को पूर्ण कालिमायुक्त कांग्रेसी युवराज की लूटी टूटी खटिया पर लादने को मचल रहा है !……खैर इनपर फिर कभी …

कुछ समय पहले किसी प्रशंसक ने मोदीजी को छह करोड़ी सूट उपहार में दिया था ,…..फ़कीर को क्या लेना क्या देना !……..प्रेम को प्रेम से पहन लिया !…….राहुलजी एंड चमचा पार्टी ने सूटबूट वाली सरकार का ताना मारा था ,…… सूट तो नीलाम होकर राष्ट्रधन बन गया !…….खबरानुसार उस व्यापारी ने कई सौ करोड़ का कर अदा किया या करना पड़ा !………इससे सिद्ध होता है कि तमाम सच्चे लोग भी कालिख के शिकार थे ,………भारत में कुटिल कांग्रेसी राज पीडादायक कालिख का उत्पादक सरपरस्त संरक्षक था,.. है ,…बचेगा तो रहेगा !…..

किसी ने कहीं लिखा है कि मोदी किसी का सगा नहीं है !…….यह सच है ,……..फ़कीर सिर्फ सच का सगा हो सकता है !……देशभक्त सिर्फ देश का सगा होगा !……….मोदी को अपना समझने वाले कितने ही लोग उनसे बहुत नाराज होंगे !…….एक दिन पहले गुप्त इशारा ही कर देते तो तमाम गुप्त लंकाएं लुटने से बच सकती थी ! ……….लेकिन वो सिर्फ इसलिए नाराज होंगे क्योंकि वो लोभी स्वार्थी हैं !…….मोदीजी ने राष्ट्रसेवा के लिए सबसे सहायता मांगी थी ,..मांगते हैं !…..और मांगते रहेंगे !…….जिसने अपना निजी लाभ सोचकर सहायता की होगी ,….उनको पीड़ा हो सकती है !………..राष्ट्रनीति धंधेबाजी नहीं है !……राष्ट्रनीति अनिवार्य है ,…यह मानवता का मधुर राष्ट्रीय व्यवहार है !……..यह पाप से दबी प्रजा पर योग्य शासक का अधिकार है !…..हमने इसीलिए उनको चुना है !……….हमारा फ़कीर प्रधानसेवक सच्चा भारतभक्त है ,…..वो अपनी संवैधानिक शपथ का पूर्ण पालन कर रहा है !………….उसकी तरफ फेंकी जाने वाली गन्दगी उनको और मजबूत करेगी !…….उसके खिलाफ हर साजिश न सिर्फ नाकाम होगी ,..बल्कि हितकारी बन जाएगी !……..ऐसे महामानवों के लिए ही लिखा गया है ……. “गरल सुधा रिपु करई मिताई ..”…………शोषित ईमानदार जनता चीखकर कहती है !…… ‘मोदीजी कुछ भी हो ,..अहंकारी काले गद्दार भेड़ियों हानिकारक चूहों को छोड़ना मत !…’

वैसे तो मोदीजी के तमाम शत्रु हैं ,….लेकिन मोदीजी की एक ख़ास रिपु शत्रु ममता दीदी हैं ,..असल में दीदी तो वो बदमाशों की हैं !…….सादगी के आडम्बर में भारी भ्रष्टता माने ममता बनर्जी जी !….. पता ही नहीं चलता कब उनका मानसिक संतुलन नीचे उतर जाता है !………..गलती अपनी हो तो भी दूसरे दोषी !………अपने काले कारोबारों में नुक्सान के हिसाब किताब में इतना व्यस्त हो गयी कि मुख्यमंत्री की राज्यकमान लापता हो गयी !…….अपनी सेना के सुसूचित समन्वित सामान्य सैन्यअभ्यास को तख्तापलट की कोशिश बता दिया ,……बची खुची इज्जत भी गँवा दी ,…..सबको पता चल गया कि ,..ममताराज में आतंकियों अपराधियों के मजबूत काले किले कायम हुए हैं !…..चलो ….नसीब अपना अपना !……………सबको समझना चाहिए कि जिनके नीचे ऊपर आगे पीछे दलदल ही हो उनके पास प्रार्थना पुकार समर्पण के सिवा अन्य मार्ग नहीं होता !………पापियों का आधारहीन तख्ता क्षणमात्र में भस्म हो जाता है !……वो खुद ही पेट्रोल डालकर आग लगाते पाए जाते हैं !…….अर्थात ..‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ !

अंततः ,…फ़कीर अपनी फकीरियत पर गर्व करने से ज्यादा परमात्मा का कृतज्ञ होता है !….उनके प्रेम प्रसाद से अभिभूत होता है !………हम यहाँ एक दूसरे से पवित्र प्रेम करने के लिए,…..कर्म द्वारा कृतज्ञता अभिव्यक्ति करने के लिए हैं !……….हम सब मानवजन्म के लिए परमपिता के कृतज्ञ हैं ,……संसार एक मजेदार खेल भी है ,….परिवर्तन प्रकृति का प्रथम नियम है ,….उससे भी प्रधान नियम शास्वतता है ….इन दोनों के बीच जीवात्मा खेलता है !……. सत्य से खेल सको तो खेलो ,…अन्यथा झेलो !……..सच्चे खिलाड़ियों पर परमपिता की कृपा बरसती है ,……..सच्चाई के लिए सच्चाई को अपनाकर खेलना हमारा सुखकारी कर्तव्य है !……..सत्य संघर्ष में हम सत्य के शुभचिंतक साथी बनकर ही इस परमलीला की विशेष सुखानुभूति कर सकते हैं !….सत्यनिष्ठा को नमन करने मात्र से हमारे अनेकों दुखदायी विकार कमजोर पड़ते हैं !…….जिनको दुःख ही रसमय लगे ,उनके लिए कुछ किया भी नहीं जा सकता है !…...ॐ शान्ति !……..भारत माता की जय !!……………वन्देमातरम !!!

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